श्याम धणी जी म्हारा श्याम धणी,
नचने दा मौसम है नचा लो श्याम धणी....
कितना सुंदर श्याम सजाया,
सांवरिये को बनड़ा बनाया,
सजने का मौसम है सजा लो श्याम धणी,
नचने दा मौसम है नचा लो श्याम धणी....
कीर्तन में सब धूम मचावो,
खूद नाचो घनश्याम नचावो,
कीर्तन का मौसम है रिझालो श्याम धणी,
नचने दा मौसम है नचा लो श्याम धणी....
दिल को दिल से मिला कर देखो,
आएगा वो बुलाकर देखो,
फागण का मौसम है नाच लो श्याम धणी,
नचने दा मौसम है नचा लो श्याम धणी....
रसिक अरज सुनले सांवरिया,
करता रहूँ तेरी चाकरिया,
मस्ती का मौसम है झुमालो श्याम धणी,
नचने दा मौसम है नचा लो श्याम धणी.....