सारे सुख और खुशिया हम को देदी यार निराले ने
कमी कोई न छोड़ी है जी श्याम खाटू वाले ने
अपनी मेहरो की तो मानो उस ने किरपा कर दी है
बिना ही मांगे दिल दार ने झोली अपनी भर दी है
बल्ले बल्ले ही करा दी अपनी तो दिलवाले ने
कमी कोई न छोड़ी है जी श्याम खाटू वाले ने
जीवन की ये भागियाँ अपनी मेहके मस्त बहारो सी
दूर अमावास कर दी देके चाँदनी चाँद सितारों सी
कर दिया दूर अँधेरा देखो मेहरो भरे उजाले ने
कमी कोई न छोड़ी है जी श्याम खाटू वाले ने
तीन वान का धारी बाबा हारे का सहारा है
वो शीश का दानी है वो सब का पालनहारा है
खाली कोई न लोटाया खाटू भोले भाले ने
कमी कोई न छोड़ी है जी श्याम खाटू वाले ने
खाटू वाले की शरण में सचा आनंद पाया है
ध्यान कभी न भटका जब से उसका ध्यान लगाया है
रंग लिया है अपने रंग में सागर किस्मत वाले ने
कमी कोई न छोड़ी है जी श्याम खाटू वाले ने