तर्ज़ : सौ साल पहले मुझे तुमसे प्यार था
लहराये देखो कैसे लाखों निशान हैं,
श्याम के जयकारों से गूंजे जहान् है.....
खाटू के मेले की महिमा तीन लोक गायें,
वो खुशियां लुटा रहा लूटने भक्त सभी आये,
मस्ती में हर इक बूढ़ा बच्चा जवान है,
श्याम के जयकारों से गूंजे जहान् है......
होली सब खेलन को सांवरा के संग आये हैं,
बाबा को हर प्रेमी प्रेम से रंग लगाये है,
झूमें सभी फिर ऐसी चंग की तान हैं,
श्याम के जयकारों से गूंजे जहान् है.....
सांवरिया श्याम मेरा सेठ सेठो का कहलायें,
पूरी अरदास करे हर इक दामन भर जाये,
"राघव" पुकारे जो भी देता ये ध्यान है,
श्याम के जयकारों से गूंजे जहान् है......