तेरी आरती गाऊं मैं सजाकर थाली,
विनती तू सुन ले जग दे वाली,
तेरी महिमा है जग में बड़ी ही निराली,
विनती तू सुन ले जग दे वाली.....
भगती तेरी का दीपक मन में जलाऊ,
दर्शन तेरा रोज मैं पाऊं
दर्शन तेरा रोज मैं पाऊं
दर पर आए हम सब सवाली,
विनती तू सुन ले जग दे वाली,
तेरी आरती गाऊं मैं सजाकर थाली,
विनती तू सुन ले जग दे वाली.....
बिगड़े का तू काम बनाए,
हर भटके को राह दिखाएं,
तन मन और जीवन करू अर्पण,
तेरे दर से जाए कोई ना खाली,
विनती तू सुन ले जग दे वाली,
तेरी आरती गाऊं मैं सजाकर थाली,
विनती तू सुन ले जग दे वाली.....