क्या बिगाड़ेगा उसका जमाना,
राधा रानी का जो है दीवाना,
इक पल में किस्मत ये बदल जाती है,
सिर पे आई मुसीबत भी तल जाती है,
मिलती है ज्ञान की इक नइ रोशनी,
पाप करमो की होली सी जल जाती है,
मिलता उस्को खुशी का खजाना,
राधा रानी का जो है दीवाना,
बस्सा चरणों में जिनके चारो धाम है,
सबकी बिगड़ी बनाने का ही काम है,
करती आखो में अगनी पवन में निहित,
पांच ततो में श्री राधा का नाम है,
उसने जीवन की परिभाषा जाना ,
राधा रानी का जो है दीवाना,
राधा यु की शरण यो चला जाता है,किरत यश वेह्भव धन सम्पदा पाता है,
काल बेह्बीत होता निकट आने से पास आने से यमराज गबराता है,
वेद गीता पुरानो ने माना राधा रानी का जो है दीवाना,