आजा रे सहारा देने श्याम, सहारा देने आजा रे आजा रे ,
ओ हारे के सहारे
देर न कर श्याम प्यारे
आजा रे सहारा देने श्याम, सहारा देने आजा रे
बरस रहीं कबसे ये अखियां दीवानी
करतीं बयां तुझसे दुखों की कहानी
तेरे सिवा कोई नही है बाबा
जो हमको दुखों से उबारे
आजा रे सहारा देने श्याम, सहारा देने आजा रे आजा रे..
भरी है श्याम तूने हर झोली खाली
मै भी तो हूँ बाबा तेरे दर का सवाली
तूने ठुकराया तो कहाँ जायेंगे
बाबा हम ग़म के मारे
आजा रे सहारा देने श्याम, सहारा देने आजा रे आजा रे ...
कोई न साथी है ये दुनिया बेगानी
दौर-ए-ग़रीबी में ये बात है जानी
राह-ए-ज़िन्दगी में "तरुण" तन्हा
बाबा तुझे कब से पुकारे
आजा रे सहारा देने श्याम, सहारा देने आजा रे आजा रे...