चली आवे जीभ निकाल हाथ में खड़क लिए खड़क लिए,
रण में मारे किलकार हाथ में खड़क लिए खड़क लिए,
खप्पर खड़क सवारे मैया हो मैया,
और मुख से निकले आग हाथ में खड़क लिए खड़क लिए,
रण में मारे किलकार.....
देख रूप दिगपाल डरे हे मैया,
और मच रही हाहाकार हाथ में खड़क लिए खड़क लिए,
रण में मारे किलकार.....
रूंड मुंड धरनी डारे है मैया,
और वहै खून की धार हाथ में खड़क लिए खड़क लिए,
रण में मारे किलकार.....
अब नहीं बचाए बचें राक्षस हो मैया,
और रक्तबीज गए हार हाथ में खड़क लिए खड़क लिए,
रण में मारे किलकार.....
रण में आगे बढ़ती जावे हे मैया,
और घूम रही तलवार हाथ में खड़क लिए खड़क लिए,
रण में मारे किलकार.....
मारत जा राक्षस बढ़ते जा हे मैया,
और करती जाए संघार हाथ में खड़क लिए खड़क लिए,
रण में मारे किलकार.....
देख रूप मैया काली को हे मैया,
थरथर कांपे है संसार हाथ में खड़क लिए खड़क लिए,
रण में मारे किलकार.....