तेरे चरणों में मैं रूल जावां, बृज रज़ में मैं मिल जावां,
इतनीं सी है दिल की आरजू,
यमुना जल में बह जावां, तेरी बगीया में खिल छावां,
इतनीं सी है दिल आरजू.....
तेरे सन्तों के संग मिलके, मैं तेरे ही गीत गावां,
आबाद रहे तेरा बृज मण्डल में लोट के वापस जा ना सका,
ओये मोहना वे ओरे मोहना वे,
तेरा मेरा प्यार निराला हो,
कुर्बांन हुं मैं तेरी अस्मत पे,
मैं कितनां नसीबों वाला हूं,
तेरे चरणों में मैं रूल जावां, बृज रज़ में मैं मिल जावां,
इतनीं सी है दिल की आरजू,
यमुना जल में बह जावां, तेरी बगीया में खिल जावां,
इतनीं सी है दिल की आरजू,
ओ श्याम मेरे,
ओ श्याम मेरे.....
मेरी आखं में प्यार ये कम ना हो,
मैं मरता हूं जिस मुखड़े पे,
कभी उसका उजाला कम ना हो
ओ श्याम मेरे तेरे होते हुए, क्यों फिक्र मुझे,
तभी आखं से आंसू बहता है,
मैं कहता हूं तूं है चांद मेरा, ये चांद हमेशा रहता है,
तेरे चरणों में मैं रूल जावां, बृज रज़ में मैं मिल जावां,
इतनीं सी है दिल की आरजू,
यमुना जल में बह जावां, तेरी बगीया में खिल जावां,
इतनीं सी है दिल की आरजू,
ओ श्याम मेरे,
ओ श्याम मेरे.....