हे श्याम तेरी पूजा हमसे ना बनी रे,
घनश्याम तेरी सेवा हमसे ना बनी रे,
ना बनी ना बनी ना बनी रे,
घनश्याम तेरी सेवा हमसे ना बनी रे.....
कहां से लाऊं माखन कहां से लाऊं मिश्री,
कहां से लाऊं मटकी दही से भरी रे,
घनश्याम तेरी सेवा हमसे ना बनी रे.....
कहां से लाऊं चंदा कहां से लाऊं सूरज,
कहां से लाऊं तारे आकाश जड़े रे,
घनश्याम तेरी सेवा हमसे ना बनी रे.....
कहां से लाऊं गैया कहां से लाऊं ग्वाला,
कहां से लाऊं बंसी यह तान भरी रे,
घनश्याम तेरी सेवा हमसे ना बनी रे.....
कहां से लाऊं गोपियां कहां से लाऊं सखियां,
कहां से लाऊं राधा सिंगार भरी रे,
घनश्याम तेरी सेवा हमसे ना बनी रे.....
कहां से लाऊं मथुरा कहां से लाऊं गोकुल,
कहां से लाऊ जमुना सुनीर भरी रे,
घनश्याम तेरी सेवा हमसे ना बनी रे.....
कहां से लाऊं गीता कहां से लाऊं भागवत,
कहां से वाणी भरी अनुराग भरी रे,
घनश्याम तेरी सेवा हमसे ना बनी रे.....