श्याम सुंदर से बोली मुरलिया,
तुम बजाने के काबिल नहीं हो,
तेरी आदत बुरी है कन्हैया,
साथ रहने के काबिल नहीं हो......
मैं तो सीधे बांस की बाँसुरिया,
तुम तो टेढ़े हो मेरे सांवरिया,
तुम तो नटखट हो बांके सांवरिया ,
मुंह लगाने के काबिल नहीं हो,
श्याम सुंदर से बोली मुरलिया......
तुम तो बन बन मैं गैया चराते,
और घर घर में माखन चुराते,
तुमको चोरी की आदत बुरी है,
घर बुलाने के काबिल नहीं हो,
श्याम सुंदर से बोली मुरलिया......
तुम तो जमुना तट पर जाते,
और सखियों का चीर चुराते,
सारी गोपियों के दिल को दुखाते,
दिल लगाने के काबिल नहीं हो,
श्याम सुंदर से बोली मुरलिया......
मेरी गोरी है राधा सहेली,
तुम तो काले हो मेरे सांवरिया,
तुमरे दो दो बाप दो दो मैया,
मेरी राधा के काबिल नहीं हो,
श्याम सुंदर से बोली मुरलिया......