इस दुनिया में श्याम तू मेरा मुकाम है,
श्याम तेरे नाम से ही मेरी पहचान,
जब तक न था तू मेरा मेरा न कोई था,
ना थी रहे ना थी मंजिल हमसफर न मेरा,
तूने मुझे उठाया गले से लगा लिया उस घडी उस डगर उस सफर को पहचान,
श्याम तेरे नाम से ही मेरी पहचान,
जो न मिला था जग से वो तूने दे दिया,
जो मिला मुझको जग से वो तूने ले लिया,
इतनी किरपा की तूने मेरा नाम कर दिया,
उस किरपा उस मेहर उस दया को परनाम,
श्याम तेरे नाम से ही मेरी पहचान,
जब तक जियु मैं बाबा बुलु न ये किरपा,
चाहे जियु दो पल ही हर पल रहु तेरा,
बरसे किरपा सदा सबपे ये विनती मेरी,
तेरे दर जुक जाए बाबा सारा जहां,
श्याम तेरे नाम से ही मेरी पहचान,