तर्ज :- क्या मिलिए ऐसे लोगों से के, जिनकी........
राम नाम की धुन पर नाचे, होकर के ये मतवाला,
हर संकट में साथ निभाता, ये मेरा बजरंगबाला....
अष्ट सिद्धि नव नीधी का दाता, दुनियां तुमको कहती हैं,
तेरे चरणों में बजरंगी, प्रेम की गंगा बहती हैं,
सालासर और मेहंदीपुर में, भवन सजा सुन्दर आला,
हर संकट में साथ निभाता, ये मेरा बजरंगबाला.....
जिस सागर को सेतु बिना, लांघ सके ना रघुराई,
पार किया हनुमत ने उसको, खोई सुध जब याद आई,
लंका नगरी जाकर के सब, उथल पुथल हैं कर डाला,
हर संकट में साथ निभाता, ये मेरा बजरंगबाला....
रघुवर का ये दास कहाता, राम नाम बस गाता हैं,
"मोनू" भी इनके चरणों में, हरपल शीश झुकाता हैं,
भव सागर से पार लगाता, ये मां अंजनी का लाला,
हर संकट में साथ निभाता, ये मेरा बजरंगबाला.....