भरत पियारा मेरो नाम हनुमान, नाम हनुमान मेरो,
कौन दिशा से आयो भाई, इस पहाड़ को करसीं कांई,
देख लेई तेरी प्रभुताई, झेल्यो मेरो बाण,
भरत पियारा मेरो नाम हनुमान.....
लंकापुरी से आयो भाई, लक्षमणजी ने मुरछा आई,
रावण सुत ने बाण चलायो, मार्यो शक्ति बाण,
भरत पियारा मेरो नाम हनुमान........
कहो भरत क्या जतन उपाऊँ, लँगड़ा कर दिया कैसे जाऊँ,
संजीवन कैसे पहुँचाऊँ उदय होसी भान,
भरत पियारा मेरो नाम हनुमान.......
आवो बाला बैठो बाण पे, तन्ने पहुँचा दूँ लंका धाम में,
ऐसी मेरे जचै रही ध्यान में बाण विमान,
भरत पियारा मेरो नाम हनुमान......
ले संजीवन हनुमत आये, लछमण जी नै घोल पिलाये,
सुखीराम भाषा मे गाये, चरणो में ध्यान,