श्री बालाजी के चरणों में,
लिया रहना जिसने ठान,
संकट संताप सभी मिटे,
हुआ सदा उसका कल्याण,
वीर महावीर बजरंगी के,
बसे ह्रदय सिया राम,
बिगड़ी सदा बनाने वाले,
जय जय पवन सुत हनुमान,
श्री बालाजी के चरणों में,
लिया रहना जिसने ठान.....
निर्धन को धनवान बनाते,
और निर्बल को बलवान,
बिन मांगे उसको दे देते,
लगाता चरणों में जो ध्यान,
श्री बालाजी के चरणों में,
लिया रहना जिसने ठान.....
नैया उसकी पार लगाते,
पतवार लेते जिसकी थाम,
लेने शरण जो चरणों में आता,
उसे तो मिल जाते चारों धाम,
श्री बालाजी के चरणों में,
लिया रहना जिसने ठान.....
राजीव आस यही मेरे मन की,
सदा जपता रहूं हनुमान,
हो रहूं दीवाना सदा उनका,
जब तक घट में जान,
श्री बालाजी के चरणों में,
लिया रहना जिसने ठान....
अंत काल जब आए,
और छूटे तन से प्राण,
चरण शरण में मिले ठिकाना,
वही मेरा स्वर्ग सा धाम,
श्री बालाजी के चरणों में,
लिया रहना जिसने ठान.....
©राजीव त्यागी