आया है दुनिया मैं हरी गुण गाने के लिए,
मानुष जनम मिला है तुम्हे कुछ पाने के लिए,
किसी के दुःख को जाना नाही अपने दुखड़े सुनाता रहा,
किसी गरीब के काम न आया अपने महल बनता रहा,
आये सतगुरु प्यारे तुझे समजाने के लिए,
मानुष जनम मिला है.................