चिंता करे बलाये हमारी इस माया जंजाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो बलिहारी बलिहारी नंदन लाल की……
जिस मालिक ने जनम दिया है अन्न वस्त्र भी देवेगा,
सर ढकने को छत भी देवेगा खबर हमारी लेवेगा,
भजन करो निर्भय हो चिंता छोड़ो रोटी दाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो बलिहारी बलिहारी नंदन लाल की……
होगा भाग्य से मिलेगा चाहे घर में हो या बाहर हो,
भाग्य बिना कोई भोग ना पावे तीली हो या नाहर हो,
शांत रहो हर हाल में तुम और शरण रहो गोपाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो बलिहारी बलिहारी नंदन लाल की……