करुणामयी सुख की दाता,
जय जय जय लक्ष्मी माता,
मां हमारे घर भी आओ,
सुख निर्झर सदा बरसाओ,
उसने सुख सदा ही पाया,
जो मां शरण तुम्हारी आया,
हम भी शरण गहें तुम्हारी,
विपदा किससे कहें हमारी,
संताप हरो मां बनो सहारा,
करो कृपा मां हमपे अपारा,
मन वचन हो कर्मों की शुद्धि,
सात्विक हो मां हमारी बुद्धि,
अधर गाएं सदैव नाम तुम्हारा,
राजीव गाए सदैव नाम तुम्हारा,
मन में सदा मैया तुमको धारा।
©राजीव त्यागी