आया सुदामा तेरे द्वार श्याम नेक आ जाईयो,
आ जाईयो श्याम आ जाईयो,
सुनके मेरी पुकार श्याम नेक आ जाईयो.....
मुख क्यों मोड़ा है तूने मजबूर से,
नंगे पैरों चल कर आया बड़ी दूर से,
कांटे चुभे हैं मेरे पांव श्याम नेक आ जइयो,
सुनके मेरी पुकार श्याम नेक आ जाईयो.....
तेरे द्वारपालों ने नहीं पहचाना,
सारा जग भुलाए पर तू ना भुलाना,
लेना खबर नंदलाल श्याम नेक आ जइयो,
सुनके मेरी पुकार श्याम नेक आ जाईयो.....
सुनकर पुकार कान्हा नंगे पैरों धाए,
मित्र सुदामा को गले से लगाए,
मेरे मित्र भगवान श्याम नेक आ जइयो,
सुनके मेरी पुकार श्याम नेक आ जाईयो.....
बालपन की यारी श्याम ने निभाई,
जहां थी झोपड़ी महल बनाई,
बिगड़े बनाए सब काम श्याम नेक आ जइयो,
सुनके मेरी पुकार श्याम नेक आ जाईयो.....