धरती सूरज चंद सितारे,
होते ये दिन रात नहीं,
सब तेरे चलाये चलते हैं,
इस दुनिया की औकत नहीं.....
तुही मेघ सुधा बरसवे,
रिमझिम गीत सुनावे,
कोयल की मीठी बोली,
मैं तुही तो हर्षावे,
वहा पे हरियाली करदे,
जहां कभी हुए नहीं बरसती,
सब तेरे चलाये चलते हैं,
इस दुनिया की औकत नहीं.....
दाल दे एक नज़र मुजपर भी,
करदे मन की पूरी,
मैं तो हू मजबूर रे भोले,
तेरी के मजबूरी,
तेरा प्यार मिले मुझे,
क्या मेरी ये औकत नहीं,
सब तेरे चलाये चलते हैं,
इस दुनिया की औकत नहीं.....
पतझड़ को गुलशन कर देती,
गम की रात अंधेरी,
तेरा बच्चा तुझे पुकारे,
करो ना भोले डेरी,
मेरी झोली ना भर पाए,
राजन ऐसी कोई बात नहीं,
भोले सब तेरे चलाये चलते हैं,
इस दुनिया की औकत नहीं......