दुनिया जाने शिवलिंग छुपाये बैठे हो मक्का मदीने में,
मके में ही जल चड़ाउ गा अब की सावन के पावन महीने में,
भोले बाबा भोले है पर तांडव जब रचाये गे,
मक्के में रहने वाले हर हर बम बम गायंगे,
चमके गी अब तो तलवारे आग लगी है सीने में,
मके में ही जल चड़ाउ गा अब की सावन के पावन महीने में,
भोले के दीवाने है हम भोले भी है भाले भी,
इतहास पढ़ लो हम इतहास बदलने वाले भी,
रोक ने का दम नहीं है किसी भी कटे पिटे कमीने में,
मके में ही जल चड़ाउ गा अब की सावन के पावन महीने में,
शम्भू नाथ कहते है अनाथो के जो नाथ है वही हमारे शिव शम्भू,
संदीप अचराये के साथ है,
भूलू खपर पिस्तौल फायर करे कमीनो पे,
मके में ही जल चड़ाउ गा अब की सावन के पावन महीने में,