भोले तेरी भक्ति मैं झूमे सभी मस्ती मैं,
हमने पिली थोरी जो भंग दिल बम बम भोले के मन खाए हिचकोले,
मन में उठी है अजब सी तिरंगे,
बस में नही सतरंगी उमंगें,
मेरे समीप नही भाव भड़ते मचले है मन दिल सबका धडके,
मौसम भी सुहुना है दिल सब का दीवाना है,
छाया है सबपे भगती रंग के दिल बम बम भोले
के मन खाए हिचकोले......
ना जाने हमको ये क्या हो रहा है
भोले की भंग का नशा शा रहा है