जय भोलेनाथ
तेरा जादू भोले बाबा ऐसा सर पे छा गया,
मैं फिर से हरिद्वार मैं आ गया.....
जब भी भोले बाबा मैं कभी उदास हो जाता हूँ,
तुझसे मिलने को बाबा दौड़ा दौड़ा आता हूँ,
(संग लेकर भक्तो की टोली गाड़ी भर करके आ गया,
मैं फिर से हरिद्वार मैं आ गया,
तेरा जादू भोले बाबा ऐसा सर पे छा गया,
मैं फिर से हरिद्वार मैं आ गया.....
घर से मैं हरिद्वार तक,
हरिद्वार से नीलकंठ,
चैन नही आता है बाबा तेरे दर्शन करने तक,
रूप तेरा ये भोले बाबा,
इन नैनो को भा गया,
मैं फिर से हरिद्वार मैं आ गया,
तेरा जादू भोले बाबा ऐसा सर पे छा गया,
मैं फिर से हरिद्वार मैं आ गया.....
मै आऊ हर बार जी संग लेकर परिवार जी,
कावड़ तेरी लाने को हर बार रहु तैयार जी,
मैं नाचू मस्ती में ऐसे,
जैसे सावन आ गया,
मैं फिर से हरिद्वार मैं आ गया,
तेरा जादू भोले बाबा ऐसा सर पे छा गया,
मैं फिर से हरिद्वार मैं आ गया.....