झोली भर दयो जी सांवरिया थारे क्या को घाटों जी
झोली भर दयो जी...............
तीन लोक की साडी पूंजी, बाबा थारे हाथा में,
जगत सेठ कहलावो जग में, कुछ तो बांटो जी
झोली भर दयो जी...............
में तो हु छोटो सो बन्दों,नाम काम भी छोटो जी
धीरे धीरे गाड़ी चालें, दुखडा छांटो जी
झोली भर दयो जी...............
मस्ती में हो गुजर सांवरा,सरपट गाड़ी दौड़े जी
लाचारी मेरो जिव दुखावे,संकट काटो जी
झोली भर दयो जी...............
संतोसी में जिव सांवरा, बार बार ना ख्यारुजी
नंदू जच के दे दो बाबा,प्यादो नाको जी
झोली भर दयो जी...............