अब के बरस मोरे गाँव में बप्पा गुजरी सूत गणराज,
देवा होके सवार मूसा आओ महाराज....
गलियन में फूल बिछाओ पालक पावड़े राह में,
वंदन बारे द्वार सजाऊँ चौक पुराऊँ चाह में,
कैसे मनाऊं तुमको शिव जी के लाडले,
सुनकर के मेरी बिनती बाहों को तू थाम ले,
व्याकुल अँखियाँ राह निहारे दिवान के सरताज,
देवा होके सवार मूसा आओ महाराज.....
रिद्धि सिद्धि दोनों हैं देवा सेवा में आपकी,
जिस पर कृपा हो प्रभु जी चिंता फिर किस बात की,
दोनों हाथों को जोड़ कर सर को झुकाऊँगी,
चरणों की धुल अपने माथे से लगाउंगी,
बीच बहवर में फांसी है नैया आन बचाओ लाज,
देवा होके सवार मूसा आओ महाराज.....