सारे कष्ट को हरने वाले सुन ले मेरी पुकार
हे दुःख वणजण शिव के नंदन लीला तेरी है ापर ,
तेरी दया से तेरी किरपा से हम नहीं है लाचार,
हे घन के गणेशा तेरी हुई जय जय कार ,
तू है चहेता सब के मन में तू इस जग में महान
रिद्धि सीधी के तू रखवाले प्यारे मेरे भगवान्,
मोती चूर के भोग लगा कर कहते है संसार,
हे घन के गणेशा तेरी हुई जय जय कार ,
तेरे चरण पे शीश जुकाओ तुझको भजु सुबहो शाम,
मन की मुरदे पूरा करे तो कण कण पे है तेरा नाम,
ग़ज केसर को धरने वाले करके मूषक सवार,
हे घन के गणेशा तेरी हुई जय जय कार ,