यो कुन सिंगारयो यो कुन

यो कुन सिंणगारयो यो कुन सिंणगारयो,
सांवरिये ने बनड़ो बना दियो यो कुन सिंणगारयो,

कठे से फूलडा ल्याया, ये कुन थारा हार बनाया,
कुन जच्चा जच्चा पहरायाजी आपे लूण राइ वारो,
यो कुन सिंणगारयो ..........

आलूसिंहजी बाग लगाया, जयामे फूलड़ा घणा उगाया,
वही केसर तिलक लगाया जी, श्रृंगार कीनो सारो,
यो कुन सिंणगारयो .............

थारा किरीट मुकुट कुन लयाया,ये कुन थारे छात्र चढ़ाया,
ज्याने देख श्याम सरमाया जी जैसे चाँद को उजियारो,
यो कुन सिंणगारयो ..................

थारा सेवक मुकुट चढ़ाया,थारा भक्ता,छात्र चढ़ाया,
म्हारी प्रसन हो गयी काया जी म्हारे मन में आनंद छायो,
यो कुन सिंणगारयो .....................

श्रृंगार सजिलो प्यारो,कहे सोहनलाल यो थारो,
म्हाने दर्शन देता राहिजो जी थे सबका संकट टारो,
यो कुन सिंणगारयो .................
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