तूने दियां जो प्यार कही और न मिला,
चलता रहे बस सँवारे यु ही ये सिलसला,
हमको मिले हो सँवारे तुम तो नसीब से,
मेरे दुखो को देखा है तुमने करीब से,
छायी घटाए पर मेरा सूरज नहीं ढला,
चलता रहे बस सँवारे यु ही ये सिलसला,
अपनों में ढूंढा था तुझे गैरो में तू मिला,
आई बहारे पर मुझे पतझग में तू मिला,
हारे को क्यों हो थामते अब ये पता चला,
चलता रहे बस सँवारे यु ही ये सिलसला,
दूभि है कश्तियाँ कई जो थी किनारे पे,
मझधार पे लेकर गया तेरे इशारे पे,
इस श्याम तो किया प्रभु बस तूने ही भला,
चलता रहे बस सँवारे यु ही ये सिलसला,