होंठो पे सबके है मेरे साईं का तराना,
चौखट पे साईं बाबा के झुकता है जमाना,
ब्रम्हांड नायक सद्गुरु,
मेरे साईं बाबा का,
कोई बना है भक्त और है कोई दीवाना।
साई बाबा को दिल में बसाऊ,
माला साई की मै जपती जाऊ,
उनके चरणों में सर को झुकाऊ,
माला साई की मै जपती जाऊ....
साई बाबा का फ़रमान है,
सब का मालिक निगेहबान है,
साई से मेरी पहचान है,
मुझपे साईं का अहसान है,
साईं बाबा को चादर चढ़ाऊ,
माला साई की मै जपती जाऊ,
उनके चरणों में सर को झुकाऊ
माला साई की मै जपती जाऊ…….
मै तो साईं की दीवानी हु,
वो है शम्मा मै परवानी हु,
कहती है दुनिया पागल मुझे,
मै तो साई की मस्तानी हु,
साईं बाबा की धुनी रमाऊ,
माला साई की मै जपती जाऊ,
उनके चरणों में सर को झुकाऊ
माला साई की मै जपती जाऊ…….
साईं तू ही है दाता मेरा,
मै लगाता हु दर का फेरा,
हम पर कर दो आज करम,
नाम लेता है बस ये तेरा,
तेरा गुणगान जग को सुनाऊ,
माला साई की मै जपती जाऊ,
उनके चरणों में सर को झुकाऊ
माला साई की मै जपती जाऊ…….