पिली पालकी में घर मेरे आया ओ सचा साईं मेरे मालका
शिर्डी शहर में मेहरा बरसाईया
गाओ वालिया ने खुशियाँ मनाईया
द्वारका माई में घुना लगाया
ओ सचा साईं मेरे मालका
डूबते भगता नु तुसा ने बचाया
डूबती बची नु तुसा ने बचाया
डूबते भगता नु बने लाया
ओ सचा साईं मेरे मालका
दर तेरे ते बाबा पवन भी आया
चरणों में तेरे शीश झुकाया,
मुह माँगा फल वो पाया
ओ सचा साईं मेरे मालका