साई मेरे साई तेरा रेहम जुदा है,
साई मेरे साई तेरा कर्म जुदा है,
साई मेरे साई तू सब का खुदा है,
जब भी जो गम में मैं गिरी हु
आके तेरे दर पे मैं गिरी हु,
बादशाओ का बादशाह तू है,
आफतो से तूने किया रिहा है,
जिनका न उनका कोई तू ही पिता है,
गुनाह करना है फितर मेरी बक्शना है आदत तेरी,
बुला नहीं तू भूल गई हु मैं बंदगी और इबातत तेरी,
याहा मिलती माफ़ी सब को तेरा दरबार है,
छोड़ के दर तेरा जाओ किधर मैं
गम ही गम है जाऊ जिधर मैं,
मेरे साई तू इतना कर्म कर,
करू गुलामी तेरी उम्र भर,
तू तो सभी पे किरपा करता सदा है,