माँ में संसार समाया,
ऋषि मुनियों ने बतलाया,
प्रभु ने खुद से भी ऊंचा,
माँ का स्थान बताया,
जगत सारा,
सकल दुनिया माँ की मन्नत है,
चरणों मे जन्नत है......
ममता के मंदिर की है ये सबसे प्यारी मूरत,
भगवान नजर आता है जब देखूं माँ की सूरत,
माँ के पावन चरणो में,
सच्चा बैकुंठ समाया,
इस प्यार भरी ममता को,
स्वयं नारायण ने पाया,
जगत सारा,
सकल दुनिया माँ की मन्नत है,
चरणों मे जन्नत है…….
माता अपने बच्चों की परम् जान होती है,
बच्चे वो किस्मत वाले जिनकी माँ होती है,
दिल से पावन शीतल,
मन उज्ज्वल निर्मल कोमल,
हर दुख में ये खुश रहती,
चाहे जैसी हो मुश्किल....
जो भरी धूप मे करदे, अपने आंचल की छाया,
गोद मे भर के तन को, मेरा हर दोष मिटाया,
जो खुद धरती पर सोये,
मे$रे हर अश्क को धोएं,
चाहे जो कष्ट उठाये,
संतान ना भूखी सोये……
बच्चे के अपने आंसू आँचल में अपने पिरोती,
शब्दों में बयां ना होगा ऐसा अनमोल ये मोती,
नयनों में शीतल धारा,
जैसे चमकीला तारा,
हकलाती जुबां को देती,
शब्दो की अविरल धारा…..