चलो दर पे बुलावा माँ का आया है
झंदेवाली ने दर पे बुलाया है
मुझे मैया जी ने दर पे बुलाया है
राती सपने में दर्श दिखाया है
चलो दर पे बुलावा माँ का आया है
शेरावाली दा उचा दरबार है मेरी आंबे माँ को भगतो से प्यार है,
मैया भगतो का करती उदार है
मेरी माँ ने मुझे अपना बनाया है
चलो दर पे बुलावा माँ का आया है
सिर चरणों में माँ के झुकता रहे मेरे सिर पे मैया तेरा हाथ रहे
बिगड़ी बनती याहा भगतो की
चलो माँ ने दरबार सजाया है,
चलो दर पे बुलावा माँ का आया है
मेरी माँ का भवन सुनेहरा है जिस पे रेहती मैया भोली है
धर चेहल दीवाने ध्या सदा
खुशियों का मोसम आया है
चलो दर पे बुलावा माँ का आया है