गुण गाऊं तेरे हे जगजननी,
मन मंदिर में तुमको बिठाकर,
चरणों में शीश नवाऊँ,
गुण गाऊं तेरे हे जगजननी.....
लाल रंग की ओढ़े चुनरिया सिंह की करे सवारी,
शुम्भ निशुम्भ महिषासुर मर्दिनी भगतन की हितकारी,
नित दर्शन को तेरे मैं आऊं आके भजन सुनाऊँ,
गुण गाऊं तेरे हे जगजननी....
तेरे दर माँ हे शरणागत कृपा करो शेरोवाली,
सच्चा तेरा द्वार है माँ लौटे ना कोई खाली,
तेरे चरणों में अति सुख पाऊं कभी ना खाली जाऊं,
गुण गाऊं तेरे हे जगजननी.....