मेरा भोला बड़ा अलबेला,
वो तो डमरू बजाए अकेला....
कभी चंदा के संग कभी गंगा के संग,
कभी गौरा के संग में अकेला वो तो डमरू बजाए अकेला,
मेरा भोला बड़ा अलबेला वो तो डमरू बजाए अकेला......
कभी बिच्छू के संग कभी सर्पों के संग,
कभी भूतों के संग में अकेला वो तो डमरू बजाए अकेला,
मेरा भोला बड़ा अलबेला वो तो डमरू बजाए अकेला......
कभी गाजा पिए कभी भंगिया पिए,
कभी खाए धतूरा अकेला वो तो डमरू बजाए अकेला,
मेरा भोला बड़ा अलबेला वो तो डमरू बजाए अकेला......
करें दुष्टों का नाश रहे भक्तों के साथ,
सब जीवों का देव अकेला वो तो डमरू बजाए अकेला,
मेरा भोला बड़ा अलबेला वो तो डमरू बजाए अकेला......
Shweta Pandey (Varanasi)