कीर्तन है वीर बजरंग का

कीर्तन है वीर बजरंग का, नच नच कर इनको मना,
तभी तो बाबा आएंगे, राम गुण गायेंगे,
कीर्तन होगा आज...

पैरों में घुंघरू बांधे जब नाचे हनुमाना,
प्रभु राम को रिझाये ऐसा है जग ने माना,
उनपे दया की दृष्टि रखते है मेरे बाबा,
जो सच्चे दिल से धयावे पाते है सबसे ज्यादा,
है अति बलवाना सारे जग ने है माना अब तू भी ले ले नाम,
जब माने हनुमान नही होगा अनुमान ऐसा बनेगा तेरा काम,
तभी तो बाबा आयेंगें, राम गुण गाएँगे,
कीर्तन होगा आज.....

कहते है दुनिया वाले सीने में राम तेरे,
जपता रहा है "कमली" दर पे लगा के फेरे,
मंगल और शनि को तेरे दर पे जो भी आये,
जीवन के बिगड़े काम को इक पल में वो बनाये,
मैं तो आऊँ तेरे दर मुझे मिलता है वर ना छोड़ूँगा तेरा दर,
तुम आओ इस दर ये है अजर अमर इन्हें मिलके याद तो कर,
तभी तो बाबा आयेंगें,राम गुण गायेंगे,
कीर्तन होगा आज......
   
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