पहले नही देखा कैसे हो भरोसा इतना बता हनुमान,
तेरी रामजी से क्या पहचान,
कौन सी घडी में कौन सी जगह पे हुइ तेरी मुलाकात,
किस कारण से मेरे प्रभु ने रखा तुमको साथ,
हाथ कैसे आई उनकी निशानी , ये है असंभव काम,
तेरी रामजी से क्या पहचान.....
गढ लंका मे आय़ा कैसे राछस है भगवान ,
तमको भेजा पास मे मेरे आये क्यो नही राम,
नर वानर का साख हुआ कैसे ये है असंभव काम,
तेरी रामजी से क्या पहचान......
करके भरोसा देखा मैने और धोखा खाया,
बात न मानी लछ्मण जी की ऐसा दिन आज आया,
हुई भुल मुझसे बनवारी तबसे बिछड गये मेरे राम ,
तेरी रामजी से क्या पहचान.....