इस बात को बाबा,
आज तलक समझ ना पाते हैं,
तेरे दर पे आकर,
आंसू हमारे निकल क्यों जाते हैं,
निकल क्यों जाते हैं,
आंसू क्यों आते हैं,
तेरे दर पे आकर,
आंसू हमारे निकल क्यों जाते हैं......
कोई शिकायत नहीं है हमें बाबा,
कोई दुनिया से,
जीवन में आनंद बड़ा है,
केवल तेरी कृपा से,
तेरी दया से जीवन में,
आनंद मनाते हैं,
तेरे दर पे आकर,
आंसू हमारे निकल क्यों जाते हैं.......
कौन सी ऐसी ख़ुशी है बाबा,
जो तूने नहीं दी है,
दिल की हर मंशा को तुमने,
पल में पूरी की है,
जो दिल चाहे तेरे दर वो,
मांगने आते हैं,
तेरे दर पे आकर,
आंसू हमारे निकल क्यों जाते हैं......
दिल चाहता है हर दिन केवल,
ग्यारस का दिन हो,
शर्मा का एक पल भी बाबा,
अब ना तेरे बिन हो,
तेरे बिना एक पल भी बाबा,
जी नहीं पाते हैं,
तेरे दर पे आकर,
आंसू हमारे निकल क्यों जाते हैं......