आई हूँ खाटू, मैं पहली बार,
चर्चे सुने हैं, इनके हज़ार,
प्रेमियों के प्यारे हैं,
मेरे श्याम प्रभु,
हम, प्रेमियों के प्यारे हैं,
मेरे श्याम प्रभु………
सुन के श्याम चर्चे,
मैं खुद को नहीं रोक पाई,
नंगे पाँव चलके,
श्याम दातार के दर पे आई,
फूलों में बैठे हैं,
लग रहे प्यारे हैं,
मेरे श्याम प्रभु,
प्रेमियों के प्यारे हैं,
मेरे श्याम प्रभु………..
हो गई दीवानी,
जब से देखी है सूरत ये प्यारी,
खाटू से वापस जाऊँ,
अब ये नियत नहीं हमारी,
देख चुकी दुनियाँ मैं,
दुनिया से न्यारे हैं,
मेरे श्याम प्रभु,
प्रेमियों के प्यारे हैं,
मेरे श्याम प्रभु……..
होली क्या दशहरा,
अब दिन है यहाँ पे दिवाली,
मैंने आके देखा,
कोई जाता नहीं दर से खाली,
हम इनको प्यारे हैं,
हमें भी दुलारे हैं,
मेरे श्याम प्रभु,
प्रेमियों के प्यारे हैं,
मेरे श्याम प्रभु……….
आई हूँ खाटू, मैं पहली बार,
चर्चे सुने हैं, इनके हज़ार,
प्रेमियों के प्यारे हैं,
मेरे श्याम प्रभु,
हम, प्रेमियों के प्यारे हैं,
मेरे श्याम प्रभु……..