श्याम नाम की मोरछड़ी का झाड़ा जब वो देता है,
श्याम धनि खाटू वाला सारे दुःखडे हर लेता है,
मुर्दे में भी जान डाल डे मोरछड़ी मतवाली,
तू झाड़ा खा ले मोरछड़ी का किस्मत खुल जाये मेरी,
श्याम भक्त की श्याम धनी आ कर लाज बचाई है,
तू बस छाज गिराए भक्त के मोर छड़ी न हारी,
तू झाड़ा खा ले मोरछड़ी का किस्मत खुल जाये मेरी,
श्याम बहादुर जी के भक्तो में हाथ में जब आई थी,
मंदिर के पट बंद हो गए भक्त ने देर लगाई थी,
खोल दिया ताला मंदिर का मोर छड़ी सचधारी,
तू झाड़ा खा ले मोरछड़ी का किस्मत खुल जाये मेरी,
श्याम भक्त आलू सिंह जी के हाथ में हमने देता है,
जिस किस के सिर पे पड़ी बदला किस्मत का लेखा है,
पापु शर्मा मोरछड़ी पे जाऊ वारि वारि,
तू झाड़ा खा ले मोरछड़ी का किस्मत खुल जाये मेरी,