मेरी चौखट पे चल के,
आज चारों धाम आए हैं,
बजाओ ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आए हैं……
कथा सबरी की जैसे जुड़ गई,
मेरी कहानी से,
ना रोको आज धोने दो चरण,
आँखों के पानी से……
बोहोत खुश हैं मेरे आंसू के,
प्रभु के काम आए हैं,
बजाओ ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आए हैं…….
तुमको पा के क्या पाया है,
सृस्टि के कण कण से पूछो,
तुमको खोने का दुख क्या है,
कौशल्या के मन से पूछो…..
द्वार मेरे ये अभागे,
आज इनके भाग जागे,
बड़ी लम्बी इंतजारी हुई,
रघुवर तुम्हारी तब आई है सवारी……
संदेशे आज खुशियों के,
हमारे नाम आए हैं,
बजाओ ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आए हैं……
दर्शन पाके ऐ अवतारी,
धन्य हुए है नेन पुजारी,
जीवन नइया तूने तारी मंगल भवन अमंगल हारी,
मंगल भवन अमंगल हारी……
निर्धन का तुम धन हो राघव,
तुम ही रामायण हो राघव,
सब दुख हरना अवध,
बिहारी मंगल भवन अमंगल हारी…..
मंगल भवन अमंगल हारी,
मंगल भवन अमंगल हारी…..
चरण की धूल ले लूँ,
मैं मेरे भगवान आए हैं,
बजाओ ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आए हैं…