झूठी दुनिया से मन को हटा के प्रभु चरणों मे नेह लगा के,
भज रामसिया भज रामसिया भज रामसिया मनवा....
जग मे आकर राम को भूला, माया मे उलझा,
लोभ मोह के जाल मे फंसकर, जीवन उलझा,
अब भी बिगड़ा नही कुछ भाई, जपले आठों याम रघुराई,
भज रामसिया भज रामसिया भज रामसिया मनवा....
दशरथनन्दन राम जिनके मन मे समाए,
पाप ताप संताप उनके पास ना आए,
मिटे जीवन का अंधियारा, मिले जीवन मे सुख सारा,
भज रामसिया भज रामसिया भज रामसिया मनवा....
झूठी दुनिया से मन को हटा के,
प्रभु चरणो मे नेह लगा के,
भज रामसिया भज रामसिया भज रामसिया मनवा.....