जपा कर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है,
राम का नाम प्यारा है,
प्रभु का नाम प्यारा है,
जपा कर बैठ कर बंदे,
राम का नाम प्यारा है......
छुआई चरण रज अपनी,
अहिल्या भव से तारी थी,
पति के श्राप से भक्तों,
बनी पत्थर बेचारी थी,
चरण रज उसको दी अपनी,
हाँ कष्टों से उबारा है,
जपा कर बैठ कर बंदे,
राम का नाम प्यारा है.......
पिता के वचनो को माना,
प्रभु जी गंगा आए थे,
प्रभु के पग पखारे थे,
चरणामृत केवट पाए थे,
बिठाया नाँव में अपनी,
हाँ गंगा पार उतारा है,
जपा कर बैठ कर बंदे,
राम का नाम प्यारा है.......
भगत शबरी की कुटिया में,
प्रभु भाई सहित आए,
बेर झूठे माँ शबरी के,
हाथ से प्रभु जी थे खाए,
माँ शबरी का किया कल्याण,
प्रभु जी बने सहारा है,
जपा कर बैठ कर बंदे,
राम का नाम प्यारा है......
राम के नाम का चन्दन,
श्री हनुमत ने लगाया है,
प्रभु जी ह्रदय लगाए थे,
भरत के सम बताया है,
चीर के सीना दिखलाया,
सभी ने दरश पाया है,
जपा कर बैठ कर बंदे,
राम का नाम प्यारा है......