मायावी है जग ये सारा,
है दुखिया सब संसार,
मेरा अब क्या होगा.....
नदिया गहरी नाव पुरानी,
हाथों से छूट गई पतवार,
मेरा अब क्या होगा,
मायावी है जग ये सारा.....
संगी साथी ना कोई सहारा,
जीवन से हुआ लाचार,
मेरा अब क्या होगा,
मायावी है जग ये सारा.....
मैं भी तो हूं माँ बेटा तुम्हारा,
लाल को दिया क्यूं बिसार,
मेरा अब क्या होगा,
मायावी है जग ये सारा.....
अपराध क्षमा करदो मैया मेरा,
विनती नहीं की जो स्वीकार,
मेरा अब क्या होगा,
मायावी है जग ये सारा.....
आया चरण में रखना शरण में,
तूने जो सुनी नहीं पुकार,
मेरा अब क्या होगा,
राजीव का अब क्या होगा,
मायावी है जग ये सारा.....
©राजीव त्यागी
नजफगढ़ नई दिल्ली