डूब चला दिन शाम ढले माँ,
मंदिर में तेरे दीप जले,
काहे का दीपक मैया काहे की बाती,
सोने का दिया ला कपास की बाती,
जगमग तेरी माँ ज्योत जले,
भवानी तेरे मंदिर में ज्योति जले,
डूब चला दिन शाम ढले माँ,
मंदिर में तेरे दीप जले,
कहे की पलकिया काहे की डोर माँ,
चन्दन की पलकिया रेशम की डोर माँ,
झूला अमवा तले माँ तले,
भवानी तेरे मंदिर में ज्योति जले,
डूब चला दिन शाम ढले माँ,
मंदिर में तेरे दीप जले,
कौन ध्वजा लाये कौन चवर धुलाये,
हनुमत ध्वजा ले फेरे चवर धुलाये,
भरमा विष्णु आरती करे,
भवानी तेरे मंदिर में ज्योति जले,
डूब चला दिन शाम ढले माँ,
मंदिर में तेरे दीप जले,