तेरे दर पर आ कर जाना क्या है तेरी माया,
तेरे दर पर आ कर जाना क्या है तेरी माया,
तेरी महिमा अपरम्पार है मै ये समझ ना पाया,
तेरे दर पर आ कर जाना....
इस दुनिया की मोह माया में, मैं फसा हुआ ईक बन्दा हूँ,
तेरी याद नही आई अब तक, मैं खुद से ही शर्मिन्दा हूँ,
मुझे दर पे बुला कर मेरा जीवन सफल बनाया,
तेरे दर पर आ कर जाना......
तेरे दर्श की मन मे प्यास रहे, तेरे चरण कमल की आस रहे,
मुझ जैसे भूले भटकों को, हर दम तुझपे विश्वास रहे,
जो भी तेरे पे आया तूने गले लगाया,
तेरे दर पर आ कर जाना....
तेरे दर पर आ कर जाना क्या है तेरी माया,
तेरी महिमा अपरम्पार है मै ये समझ ना पाया,
तेरी महिमा अपरम्पार है मै ये समझ ना पाया.....