दरबार बुलाते हो,

दरबार बुलाते हो, रोतो को ह्साते हो,
ना जाने कितनो से, रिश्तो को निभाते हो,
वारी जाऊ मै तेरे सावरीया...

जग से जो हारा, तुझको पुकारा,
तुमने ही आके बाबा दुखो से उबारा,
धीर बधाते हो, फिर गले लगाते हो,
ना जाने कितनो से, रिश्तो को निभाते हो…

भटके हुए को राह दिखाइ,
हाथ बढाया जिसने पकडी कलाई,
पग-पग समझाते हो, गिरतो को उठाते हो,
ना जाने कितनो से, रिश्तो को निभाते हो.....

कल्युग जोर तेरा, शीश के दानी,
तेरी दातारी भी, दुनिया ने मानी,
सबको अपनाते हो, सम्मान दिलाते हो,
ना जाने कितनो से, रिश्तो को निभाते हो…

Johny Goyal
download bhajan lyrics (877 downloads)