म्हारा खाटू वाला श्याम, म्हने प्यारा घणा लागो,
म्हारा खाटू वाला श्याम, मने फुटरा थे लागो ,
थाके हाथ माही मोरछढ़ी, और तन केसरिया बागो,
थाकि नजर उतार दू, लूण राई वार दू.....
रंग बिरंगा फुला सु थाको दरबार सजायो,
रजनीगंधा केवड़ा गुलाब को इत्र लगायो,
इतर की बरखा सु बाबा ओ हो ओ, आज थने नहला दूं,
मैं आज थने नहला दू, थाकी नजर उतार दू, लूण राई वार...
सिर पचरंगी पाग पहन के, बैठ्यो म्हारो सांवरो,
जो भी देखे श्याम धनी ने, हो जावे वो बावरो,
मोहनी मूरत सोहणी सूरत ओ हो ओ, हिवड़ा माही बसा ल्यू,
मैं हिवड़ा माही बसा ल्यू, थाकी नजर उतार दू, लूण राई वार...
भगत जणा न देख के बाबो, मंद मंद मुस्कावे,
बाबा की मुस्कान देख के हाल बेहाल हो जावे,
म्हारे मनमे आवे की ओ हो ओ, कालो टीको लगा दू,
कालो टीको लगा दू, थाकी नजर उतार दू, लूण राई वार...
घणी देर सु बैठ्या बाबा, दरशन तो दिखलाओ जी,
लव-कुश बाबा शरण तुम्हारी, म्हाने राह बताओ जी,
तन मन और यो सारो जीवन ओ हो ओ, थापे वार दू,
जीवन थापे वार दू, थाकी नजर उतार दू, लूण राई वार...