मां सांसें भी देती उधार भक्तों,
शेरावाली की लगालो जय जयकार भक्तों.....
जय जय दुर्गा जय मां काली, जय जय अम्बे महारानी,
अर्धकुमारी कालरात्रि, जय जय मां ज्वालारानी,
तोड़ा अकबर का मां ने गुमान भक्तों,
शेरावाली की लगालो जय जयकार भक्तों.....
सच्ची ज्योति भवन निराला, नमन तुम्हे कटरेवाली,
झंडे लेके आए भक्त, प्रणाम तुम्हे झंडेवाली,
लांगुर भैरव है मां के दरवान भक्तों,
शेरावाली की लगालो जय जयकार भक्तों.....
यश-कीर्ति और भक्ति-वैभव, तेरी कृपा से आता है,
करता जो तेरा सुमिरण, वो भवसागर तर जाता है,
लिखी महिमा “शुभम” ने महान भक्तों,
गाए महिमा “प्रमोद” है गुलाम भक्तों,
शेरावाली की लगालो जय जयकार भक्तों....