जब से मिली सरन, की मेरे दिन बदल गए
ऐसी लगी लगन, की मेरे दिन बदल गए
खाटू जो पंहुचा पहली बार,मन को लुभाया ये दरबार
हुक सी दिल में उठने लगी,श्याम से हो गया मुझको प्यार
झुक कर किया नमन, की मेरे दिन बदल गए
ऐसी लगी लगन,.......
श्याम ने सिर पर हाथ धरा,बोझ मेरे सिर का उतरा
कृपा श्याम ने बरसाई, बाग हो गया हरा-भरा
महका मेरा चमन,की मेरे दिन बदल गए
ऐसी लगी लगन.........
अब जीवन में मस्ती हे,मेरी सुखी गृहसथी हे
जो आनंद में लेता हु,दुनिया उसे तरसती हे
रहता हु में मगन,की मेरे दिन बदल गए
ऐसी लगी लगन........
श्याम के दर पर आता हु,कुछ लेकर ही जाता हु
बिन्नू कहता इसीलिए श्याम तराने गाता हु
करता हु में भजन,की मेरे दिन बदल गए
ऐसी लगी लगन........