नैन खोल के निहार,काहे, बेक़रार हे
देख तेरा सामने , श्याम दरबार हे
नैन खोल के निहार.....
अजब निराला रंग,श्याम दिखलारहा ,
देख देख वो,तो, बांसुरी बजा रहा,
ठुमक ठुमक नाच्चे,भक्ता की लार हे,
देख तेरे सामने श्याम दरबार हे........
देख ले निराले ठाठ, श्याम गिरधारी के,
फेटा और कटार सोहे, मोर मुकुट धारी के,
पीठ पीछे ढाल जाके,हाथ तलवार हे,
देख तेरे सामने श्याम दरबार हे.......
दिन दुखियारे सारे आवे, यंहा चाल के,
विधि के लेख आंक, टाल,देवे भाल के
ज्ञानी और ध्यानी जा को पायो नहीं पार हे
देख तेरे सामने श्याम दरबार हे.......
भगत उबारन को ठेको याको जान ले
लीले के सवार ने दूर से पिछाण ले
मांगू,मतवालों भयो श्याम ही की लार हे
देख तेरे सामने श्याम दरबार हे.......
भजन रचियता: गुरूजी मांगीलालजी महमिया